उड़ने
वाले सांपों के बारे में आपने किस्से-कहानियों में ही सुना होगा, लेकिन ये
बात सच है। उड़ने वाले सांपों के बारे में बताने वाली कहानियों की बात तब
सच हो गई है जब हाल ही में एक उड़ने वाले सांप को देखा गया। यह सांप अब तक
देखे गए सभी प्रजाति के सांपों से बिल्कुल अलग और अनोखा है। इसकी सबसे खास
बात तो उड़ना है, जबकि अब तक पाए गए सभी सांप सिर्फ रेंग कर या फिर उछल-उछल
कर दूसरे स्थान पर पहुंचते हैं।
आंध्रप्रदेश के जंगल में मिला-
एक स्थान से दूसरे स्थान तक उड़कर पहुंचने वाला यह अनोखा और अजीबोगरीब किस्म का सांप हाल ही में आंध्र प्रदेश के सेसाचलम के जंगलों में देखा गया है। किस्से-कहानियों में भी कहा जाता है कि उड़ने वाले सांप चंदन के पड़ों पर रहते हैं, ऎसे में यह वही इलाका है जहां चंदन के पेड़ पाए जाते हैं। वन अधिकारियों और अनुसंधानकर्ताओं के मुताबिक यह सांप क्रिसोपेलिया प्रजाति का है जो उड़ने में सक्षम है।
श्रीलंका से आया ये सांप-
अनुसंधानकर्ताओं के मुताबिक आंध्र प्रदेश के सेसाचलम के जंगलों में देखा गया यह उड़ने वाला सांप श्रीलंका के शुष्क इलाकों और मध्यम जलवायु वाले इलाकों में पाया जाता है तथा दुर्लभ प्रजाति का है। उनका कहना है कि श्रीलंका के अलावा किसी दूसरी जगह पर इस सांप को पहली बार देखा गया है। माना जा रहा है कि श्रीलंका से यह सांप आंध्रप्रदेश उड़कर ही आया है। इसके अलावा जैव विविधता से संबंधित अंतरराष्ट्रीय स्तर की शोध पत्रिका चेकलिस्ट ने भी इस बात का समर्थन किया है तथा उसके ताजा अंक में इसका खुलासा किया है।
रात के समय भरते हैं उड़ान-
अनुसंधानकर्ताओं के मुताबिक इस प्रजाति के सांप रात्रिचर यानि रात के समय ही उड़ते हैं। दिन के समय ये सांप अपना वक्त चंदन के पेड़ों से लिपटकर काटते हैं तथा दूसरे स्थान पर उड़कर जाने के लिए रात्रि का समय चुनते हैं।
परछाई पड़ने पर हो सकता है लकवा-
किस्से-कहानियों में भी बताया जाता है कि यदि किसी इंसान पर उसकी परछाई पड़ जाए तो उसे लकवा मार जाता है। हालांकि इस बात को अभी तक इस बात को विज्ञानिकों को की तरफ से कोई समर्थन नहीं मिला है क्योंकि ऎसा अभी तक ऎसा कोई केस सामने नहीं आया है।
आंध्रप्रदेश के जंगल में मिला-
एक स्थान से दूसरे स्थान तक उड़कर पहुंचने वाला यह अनोखा और अजीबोगरीब किस्म का सांप हाल ही में आंध्र प्रदेश के सेसाचलम के जंगलों में देखा गया है। किस्से-कहानियों में भी कहा जाता है कि उड़ने वाले सांप चंदन के पड़ों पर रहते हैं, ऎसे में यह वही इलाका है जहां चंदन के पेड़ पाए जाते हैं। वन अधिकारियों और अनुसंधानकर्ताओं के मुताबिक यह सांप क्रिसोपेलिया प्रजाति का है जो उड़ने में सक्षम है।
श्रीलंका से आया ये सांप-
अनुसंधानकर्ताओं के मुताबिक आंध्र प्रदेश के सेसाचलम के जंगलों में देखा गया यह उड़ने वाला सांप श्रीलंका के शुष्क इलाकों और मध्यम जलवायु वाले इलाकों में पाया जाता है तथा दुर्लभ प्रजाति का है। उनका कहना है कि श्रीलंका के अलावा किसी दूसरी जगह पर इस सांप को पहली बार देखा गया है। माना जा रहा है कि श्रीलंका से यह सांप आंध्रप्रदेश उड़कर ही आया है। इसके अलावा जैव विविधता से संबंधित अंतरराष्ट्रीय स्तर की शोध पत्रिका चेकलिस्ट ने भी इस बात का समर्थन किया है तथा उसके ताजा अंक में इसका खुलासा किया है।
रात के समय भरते हैं उड़ान-
अनुसंधानकर्ताओं के मुताबिक इस प्रजाति के सांप रात्रिचर यानि रात के समय ही उड़ते हैं। दिन के समय ये सांप अपना वक्त चंदन के पेड़ों से लिपटकर काटते हैं तथा दूसरे स्थान पर उड़कर जाने के लिए रात्रि का समय चुनते हैं।
परछाई पड़ने पर हो सकता है लकवा-
किस्से-कहानियों में भी बताया जाता है कि यदि किसी इंसान पर उसकी परछाई पड़ जाए तो उसे लकवा मार जाता है। हालांकि इस बात को अभी तक इस बात को विज्ञानिकों को की तरफ से कोई समर्थन नहीं मिला है क्योंकि ऎसा अभी तक ऎसा कोई केस सामने नहीं आया है।
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