कल्याण के लहूजी नगर झोपड़पट्टी में स्थित घर में आग लगने के बाद लोग जब आग बुझा रहे थे तो उन्होंने नोटों से भरी बोरी को जलते देखा। लोग जब तक आग पर काबू कर पाते तब तक नोटों की तीन-चार बोरियां जल चुकी थीं और उनमें भर कर रखे गए दस-बीस रुपए के सैंकड़ों नोट जल गए।
इस इलाके में आग से ज्यादा चर्चा अब इन बोरियों की हो रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि उनकी जानकारी में नहीं था कि झोपड़पट्टी में इसने बोरियों में पैसा भर रखा है। घटना की जानकारी मिलने के बाद रहमान का बेटा भी आया, लेकिन उसको भी आग से ज्यादा नोटों की बोरियों की चिंता थी कि पिता ने उसे कभी नहीं बताया।
रहमान इस झोपड़ी में अपनी पत्नी के साथ रह रहे थे। शादी के बाद बच्चे अलग हो गए थे और दोनों बुजुर्ग दंपति मांगकर ही गुजारा करते थे। रहमान का कहना है कि भीख मांगने से पहले वो सोफा कवर सीने का काम करते थे, जिससे उन्हें अच्छी आमदनी होती थी, लेकिन बेटों की शादी के बाद वो अकेले पड़ गए थे, इसलिए भीख मांगना शुरू कर दिया था। फिलहाल पुलिस आग लगने के कारणों की जांच कर रही है।
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