एक मैगजीन में प्रकाशित ऑक्सफैम की नई रिपोर्ट के अनुसार 2010 से गरीब आबादी की धन-संपदा में 41 प्रतिशत या 10 खरब डॉलर की गिरावट आई है, जिससे ये पहले की अपेक्षा और अधिक गरीब हो गए हैं, जबकि अमीरों के धन में 17.60 खरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई है। \'एन इकॉनोमी फॅार द 1%\' शीर्षक से प्रकाशित इस रिपोर्ट में बताया गया है कि वैश्विक स्तर पर अमीरों और गरीबों की बीच की यह खाई पिछले एक साल में अधिक बढ़ी है।
वर्ष 2011 में दुनिया भर के 388 अमीरों के पास दुनिया के आधे संसाधन थे। उसके बाद अमीरों की संख्या में लगातार गिरावट दर्ज की जाती रही। वर्ष 2014 में यह संख्या 80 थी तो 2015 में यह और अधिक गिरकर मात्र 62 हो गई। ऑक्सफैम के प्रमुख मार्क गोल्डरिंग के अनुसार एक ऐसी दुनिया में जहां हर नौ में से एक व्यक्ति हर रात भूखे पेट सोता हो, वहां इन अमीर लोगों को केक का सबसे बड़ा टुकड़ा देना सहज नहीं है।
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