बुधवार, 6 अप्रैल 2016

For UN ban, India listed JeM chief Masood Azhar’s global terror connections

लश्कर से मसूद अजहर के रिश्ते: भारत ने यूएन में दिए सबूत 

भारत ने संयुक्त राष्ट्र की एक कमिटी के सामने आतंकवादी संगठन जैश ए मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर अलवीऔर लश्कर ए तैयबा के सरगना हाफिज सईद से मुलाकात का सबूत दिया है। संयुक्त राष्ट्र की यह कमिटी मसूद पर प्रतिबंध लगाने का विचार कर रही है। सईद को संयुक्त राष्ट्र पहले ही आतंकवादी घोषित कर चुका है।


भारत मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र की कमिटी में गई थी, लेकिन चीन ने अपने वीटो पावर का इस्तेमाल पर इसमें अडंग़ा लगा दिया था। इसके बाद भारत ने अपने पक्ष को और मजबूत करने के लिए मसूद और सईद के रिश्तों का खुलासा किया। दस्तावेजों के अनुसार, अजहर और सईद की मुलाकात संसद पर 2001 में हुए हमले के दोषी अफजल गुरु को फांसी दिए जाने के चार दिनों बाद 14 फरवरी 2013 को हुई थी। भारत ने अपने डॉसियर में इंडिया में हुए करीब छह ऐसे आतंकी हमलों का ब्यौरा दिया था, जिन्हें जैश-ए-मोहम्मद ने अंजाम दिया। इनमें पठानकोट हमले का जिक्र भी था। हालांकि भारतीय एजेंसियां मसूद अजहर का नेशनल आइडेंटिफिकेशन या पासपोर्ट डीटेल्स हासिल नहीं कर सकी, जिसके बाद उस कॉलम को खाली छोड़ दिया गया था।

चीन के सामने मसूद का मुद्दा उठाएगा भारत
संयुक्त राष्ट्र में मसूद को आतंकवादी घोषित करने की भारत की कोशिश में चीन के अड़ंगा लगा लगाने के बाद अब भारत उसके सामने यह मुद्दा उठाएगा। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज आरआइसी (रूस-भारत-चीन) की मंत्रिस्तरीय बैठक में शिरकत करने के लिए इस हफ्ते बाद में मास्को जा रही हैं। इस मौके पर स्वराज और उनके चीनी समकक्ष वांग यी के बीच द्विपक्षीय भेंट होने की संभावना है, उसी दौरान संयुक्त राष्ट्र में जैश ए मोहम्मद के प्रमुख और मुंबई आतंकी हमले के साजिशकर्ता को आतंकी घोषित करने में चीन के बाधा डालने का मुद्दा उठ सकता है।

चीन को चिंता वाले देशों की सूची में रखेगा भारत
उधर, चीन के इस कदम के बाद भारत एक बार फिर उसे चिंता वाले देशों की सूची में डाल सकती है। आधिकारिक सूत्रों ने आज कहा कि चीन के कृत्य से निराश होने के बाद उसे चिंता वाले देश की सूची से हटाने के फैसले पर पुनर्विचार करने की संभावना के अध्ययन के लिए जल्द एक बैठक बुलाई जाएगी। बता दें कि चीन को इस सूची से हटाने के बाद से भारत में चीनी निवेश को तेजी से सुरक्षा मंजूरी मिलने लगी थी। पाकिस्तान भी चिंता वाले देश की सूची में है। वहीं भारत चीनी निवेशकों के क्लियरेंस की दोबार समीक्षा पर विचार कर रहा है।

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