प्रियंका ने क्यों कहा- जब हाथी चलता है, तो कुत्ते भोंकते हैं
नई दिल्ली। अमेरिकी टीवी श्रृंखला 'क्वांटिको' और जल्द ही रिलीज होने जा रही हॉलीवुड फिल्म 'बेवॉच' से अंतरराष्ट्रीय ख्याति अर्जित करने वाली और पद्म पुरस्कार से नवाजी गईं बॉलीवुड अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा इन दिनों सफलता के आसमान की ऊंचाइयां छू रही हैं। लेकिन इसी बीच उनके पूर्व मैनेजर प्रकाश जाजू ने ट्विटर के जरिए एक सनसनी खेज खुलासा किया कि कॅरियर के शुरुआती दौर में तनाव के चलते प्रियंका चोपड़ा ने एक बार नहीं, बल्कि तीन बार आत्महत्या करने की कोशिश की थी। यह मामला टीवी एक्ट्रेस प्रत्युषा बनर्जी की आत्महत्या करने के तुरंत बाद उठा था। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से पद्मश्री सम्मान ग्रहण करने दिल्ली आईं प्रियंका से जब इस मामले पर सवाल किया गया, तो इस बारे प्रियंका ने कहा, मेरे पिता कहते थे, 'जब हाथी चलता है, तो कुत्ते भौंकते हैं।
प्रियंका ने एक बयान जारी करके कहा, यह निराधार है, सबसे पहले तो यह बेहद निराशाजनक है कि भारतीय मीडिया ने उस व्यक्ति के अतीत को खंगाले बिना उसे अहमियत दी, जो मुझे प्रताडि़त करने के लिए जेल में सजा काट चुका है। इसलिए, मेरे पास कहने के लिए कुछ नहीं है, क्योंकि उस शख्स की कोई विश्वसनीयता नहीं है, जिसे मीडिया अहमियत दे रहा है।
मेरी सफलता, मेरी है...
प्रियंका ने आईएएनएस से एक साक्षात्कार में कहा, मेरी एक उत्कृष्ट टीम है, क्योंकि वह दो महाद्वीप में फैले मेरे काम को संभालती है और इससे भी बड़ी बात यह कि किसी को नाराज नहीं करती। लेकिन, इसके साथ ही मेरा मानना है कि मैं बेहद खुशकिस्मत हूं। मैं सुनिश्चित करती हूं कि मुझे जो भी मौका मिले, मैं उसमें अपना पूरा तन-मन लगा दूं। इसलिए मेरे काम का श्रेय केवल मुझे ही जाता है, किसी और को नहीं। एक्शन और कट्स के बीच कैमरे के सामने मैं ही खड़ी होती हूं, कोई और नहीं। प्रियंका ने कहा कि लोग अपनी मेहनत से सफलता पाने वाली महिला से उसके काम का श्रेय ले लेते हैं। प्रियंका ने सवाल उठाया, लोग 'इसको तो बनाया है' कहकर कामकाजी लड़कियों की सफलता का श्रेय किसी और को दे देते हैं। लेकिन मेरा सवाल है, 'कोई और क्यों नहीं बना अभी तक'।
एक बड़ी कलाकार...
क्वांटिको' और 'बेवॉच' जैसे अंतरराष्ट्रीय प्रोजेक्ट से जुडऩे के बाद क्या उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक नवोदित कलाकार जैसा महसूस होता है? यह पूछे जाने पर उन्होंने कहा, मेरे लिए यह एक विरोधाभास की स्थिति है, क्योंकि वे भी नहीं जानते कि वे मुझसे कैसे पेश आएं। मैं ज्यादातर जहां भी जाती हूं या जो भी फिल्म करती हूं, लोग जानते हैं कि मैं दुनिया के एक अन्य हिस्से से आई एक बड़ी कलाकार हूं।
पश्चिम में स्टारडम...
प्रियंका ने हाल ही में 'जंगल बुक' के हिंदी संस्करण में अजगर 'का' को भी अपनी आवाज से जीवंत कर दिया है। 'पीपुल्स च्वॉइस अवॉर्ड' जीतने वाली पहली दक्षिण एशियाई अभिनेत्री प्रियंका का मानना है कि प्रशंसकों के कारण पश्चिम में स्टारडम की परिभाषा भारत से अलग है। प्रियंका ने कहा, यह देखना अद्भुत है कि एक प्रशंसक भारतीय सिनेमा और उसके कलाकारों को कितना पसंद करता है। किसी को आपके काम की तारीफ करते देखना और आपसे प्यार करते देखना बेहद संतोषजनक होता है। मुझे जैसा प्यार और अपनापन मिलता है, उससे मुझे मजबूती मिलती है। मुझे नहीं लगता कि दुनिया के किसी भी हिस्से में किसी और स्टार को कभी वैसा अनुभव हो सकता है, जैसा एक भारतीय स्टार को होता है।
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