पीलीभीत फर्जी मुठभेड़ मामले में 47 पुलिसकर्मियों को उम्रकैद
त्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में 25 साल पहले हुई एक फर्जी मुठभेड़ के मामले में सोमवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की अदालत ने सभी 47 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई। इसके साथ ही दोषी थानाध्यक्षों पर 11-11 लाख, सब इस्पेक्टरों पर सात-सात लाख और सिपाहियों पर ढाई-ढाई लाख का जुर्माना लगाया गया है। ये सारा जुर्माना मिलाकर पीडि़त परिवारों को 14-14 लाख रुपए दिए जाएंगे। गौरतलब है कि फर्जी मुठभेड़ में 47 पुलिसवालों ने तीर्थ यात्रियों से भरी बस से 10 सिख युवकों को उतारकर उन्हें आतंकी बताकर मौत के घाट उतार दिया था।
सीबीआई की विशेष अदालत ने पीलीभीत में हुई मुठभेड़ को फर्जी करार देते हुए मामले में 47 पुलिसकर्मियों को दोषी ठहराया था। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश लल्लू सिंह के समक्ष इस मामले की सुनवाई हुई। दशकों से चल रहे इस मुकदमे के दौरान अब तक 10 आरोपी पुलिसकर्मियों की मौत हो चुकी है। बचे दोषी पुलिसकर्मियों को अदालत ने सोमवार को सजा सुनाई।
उल्लेखनीय है कि 12 जुलाई, 1991 को नानकमथा, पटना साहिब, हुजूर साहिब व अन्य तीर्थस्थलों की यात्रा करते हुए 25 सिख तीर्थ यात्रियों का जत्था वापस लौट रहा था, जब सुबह करीब 11 बजे पीलीभीत जिले के कछालाघाट पुल के पास पुलिस ने इन यात्रियों की बस यूपी-26, 0245 रोक ली। इनमें से 11 सिख तीर्थयात्रियों को बस से उतार लिया गया और उन्हें बाद में मार डाला गया।
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