सर्वे के मुताबिक 22 महीने बाद भी जनता की पहली पसंद 'मोदी'
एक अंग्रेजी अखबार और TNS के सर्वे के मुताबिक मोदी देश में शहरी वेतनभोगी मध्यम वर्ग की पहली पसंद हैं। इस सर्वे के मुताबिक देश के सात बड़े शहरों में लोग मोदी के कामकाम से ज्यादा खुश हैं।
45 फीसदी लोगों ने माना है कि आर्थिक स्तर पर सरकार का कामकाम सही है। जबकि 62फीसदी लोग मानते हैं कि नौकरियां मिली हैं, और 58फीसदी का मानना है अच्छे दिन आए हैं।
जेएनयू मुद्दे को जोरशोर से उठाने के लिए लोगों ने BJP से ज्यादा कांग्रेस को कसूरवार करार दिया। 46 फीसदी लोगों ने माना कि इस मुद्दे को इतना जोर से उठना कांग्रेस की गलती थी, जबकि 52 फीसदी का मानना है कि बीजेपी सरकार ने इस मुद्दे को सही तरीके से निपटा है।
इस सर्वे के लिए सर्वेक्षकों ने दिल्ली, मुंबई, चेन्नै, बेंगलुरु, कोलकाता, हैदराबाद और अहमदाबाद में सर्वे किया। उनका सैंपल साइज 2,000 से ज्यादा लोगों का था, जिसमें 24 से 50 साल की उम्र के बीच के लोगों को शामिल किया गया था। इन लोगों की वार्षिक पारिवारिक आय 3 लाख से 20 लाख रुपये के बीच थी। सर्वे में जवाब देने वालों में लगभग आधी महिलाएं शामिल हैं।
सर्वे का एक प्रमुख नतीजा यह भी है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के मुकाबले मोदी की लोकप्रियता बहुत ज्यादा उभर कर आई है। 1 से 10 के पैमाने पर मोदी को 7.68 तो राहुल को 3.61 का स्कोर मिला।
जहां अहमदाबाद ने पूरे दिल से मोदी सरकार को सपॉर्ट दिया और दिल्ली और बेंगलुरु से भी उन्हें अच्छा समर्थन मिला, वहींमुंबई का रुख संतुलित दिखा। यहां लोगों ने कहा कि इस सरकार को कुछ मुद्दे बेहतर ढंग से संभालने चाहिए थे।
अलग-अलग आयु वर्गों के हिसाब से देखें तो सरकार को सबसे ज्यादा समर्थन 24-30 साल वालों से मिला। न केवल वे सरकार के पिछले आर्थिक प्रदर्शन से खुश हैं, बल्कि उन्हें भविष्य बेहतर होने की उम्मीद भी है। सर्वे में शामिल लोगों में से47 पर्सेंट इसी आयु वर्ग के थे।
विभिन्न मुद्दों पर कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराने के बावजूद उनमें से कई का मानना है कि सरकार को डिवेलपमेंट पर ध्यान देना चाहिए। स्वच्छ भारत अभियान को 76 पर्सेंट, मेक इन इंडिया को 65 पर्सेंट, डिजिटल इंडिया और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट को55-55 पर्सेंट समर्थन मिला।
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