अब यूरोपियन महिला ने लगाया पचौरी पर यौन उत्पीड़न का आरोप
टेरी के पूर्व प्रमुख आरके पचौरी की पूर्व सचिव होने का दावा करने वाली एक यूरोपीयन महिला ने अब उन पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। इससे पहले टेरी में काम करने वाली दो महिलाओं ने पचौरी के खिलाफ इसी तरह के आरोप लगाए थे।
पीड़ीत महिला ने अपने आप को बताया पचौरी की पूर्व सचिव
जानेमाने पर्यावरणविद पचौरी के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों के मामले में फरियादी का पक्ष रख रहीं जानीमानी वकील वृंदा ग्रोवर को लिखे पत्र में महिला ने कहा कि वह 2008 में पचौरी की सचिव के रूप में द एनर्जी एंड रिसोर्सिस इंस्टीट्यूट (टेरी) में काम करती थी। उसने फरवरी 2015 में ग्रोवर से संपर्क किया था, जब उसे यौन उत्पीड़न के एक मामले में पचौरी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने का पता चला था।
पचौरी के वकील ने कहा बदनाम करने की साजिश
इस बारे में पूछे जाने पर पचौरी ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, लेकिन उनके वकील आशीष दीक्षित ने इसे अपने मुवक्किल को बदनाम करने की साजिश बताया और पूछा कि हर बार जब ऐसा कोई मामला आता है तो क्यों ग्रोवर ही बयान देती हैं और पुलिस में शिकायत नहीं होती।
ग्रोवर ने महिला के बयान मीडिया संस्थानों को भेजे, जिसमें उसने कहा कि मुझे याद है कि फरवरी 2015 के तीसरे हफ्ते में मैंने कुछ खबरें पढ़ी थीं, जिसमें कहा गया था कि टेरी की एक कर्मचारी ने आर के पचौरी के खिलाफ उसके यौन उत्पीड़न की आपराधिक शिकायत दर्ज की थी। महिला ने कहा कि इन खबरों को पढ़ने के बाद मैं बिल्कुल भी हैरान नहीं थी। मैं उस चीज को अच्छी तरह समझ सकती हूं जो दूसरी महिला ने अपने बयान में लिखा।
भारतीयों के साथ वह विनम्रतापूर्ण दूरी रखते थे पचौरी
महिला ने दावा किया कि जब पचौरी ने उसका उत्पीड़न किया, वह 19 साल की थी। उसका पक्ष ग्रोवर और एक और वकील रत्ना आपनेंदर रखेंगी। रत्ना ने कहा कि पुलिस को बयान के बारे में बता दिया गया है और कहा गया है कि महिला उनके सामने मौजूदगी दर्ज कराने के लिए तैयार है, लेकिन उन्होंने उससे संपर्क करने का कोई प्रयास नहीं किया। महिला की राष्ट्रीयता उजागर नहीं की गई है। उसने कहा कि उसने अपने साथ और भारतीय लोगों के साथ पचौरी के व्यवहार में बड़ा अंतर देखा था। भारतीयों के साथ वह विनम्रतापूर्ण दूरी रखते थे।
हर मामला वृंदा ग्रोवर के पास ही क्यों आता है
जब पचौरी से इस बारे में संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि कृपया मेरे वकील आशीष दीक्षित से संपर्क कीजिए। मेरे वकील इस विषय पर बात करेंगे। वहीं दीक्षित ने कहा कि यह पचौरी को बदनाम करने की वृंदा ग्रोवर की साजिश है। हर बार एक महिला के आरोपों की बात कही जाती है, यह केवल प्रेस में कही जाती है, पुलिस या अदालत में नहीं। उन्होंने कहा कि हर महिला वृंदा ग्रोवर के पास आकर ही क्यों बताती है। कोई साजिश है। यह तभी होता है जब अदालत कोई सुनवाई कर रही होती है। न्यायाधीशों की पूर्वधारणा बनाने के लिए इस तरह की खबरें हवा में छोड़ी जाती हैं।
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