हाल ही में सार्वजनिक की गई कुछ फाइलों में इस बात का जिक्र है कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने हादसे के बाद अगले कुछ महीनों तक 3 रेडियो मैसेज ब्रॉडकास्ट किए थे। मालूम हो कि जनवरी के बाद से सरकार हर महीने ऐसी कुछ फाइलें डिक्लासिफाई कर रही है।
आजादी की बाद से अब तक किसी भी सरकार ने फरमोसा (अब ताईपेई) में हुए प्लेन क्रैश में नेताजी के जिंदा बच जाने के बारे में साफ तौर पर कुछ नहीं कहा है। लेकिन मोदी सरकार द्वारा पब्लिक की गई एक फाइल (No 870/11/p/16/92/Pol) अहम खुलासा करती है। इसमें इस बात का जिक्र है कि जिस प्लेन क्रैश में नेताजी की मौत की बात कही जाती है, उसके बाद भी नेताजी ने रेडियो पर देश की जनता को मैसेज जारी किए।
3 मैसेज में नेताजी ने क्या कहा था?
पहला मैसेज: 26 दिसंबर, 1945
"मैं वर्ल्ड पावर्स की शेल्टर में हूं। लेकिन मेरा दिल भारत के लिए जल रहा है। मैं थर्ड वर्ल्ड वॉर के बाद भारत जाऊंगा। हो सकता है, इसमें 10 साल या उससे कम लगें। तब मैं उन लोगों के खिलाफ फैसला सुनाऊंगा जो लाल किले से मेरे लोगों के खिलाफ केस चला रहे हैं।"
दूसरा मैसेज: 1 जनवरी, 1946
"हमें दो साल के अंदर आजादी जरूर मिल जाएगी। ब्रिटेन का साम्राज्यवाद खत्म होगा और देश को आजादी मिलेगी। भारत को अहिंसा से आजादी नहीं मिल सकती। लेकिन मैं गांधी जी की इज्जत करता हूं।"
तीसरा मैसेज: फरवरी, 1946
"मैं सुभाष चंद्र बोस बोल रहा हूं। जय हिंद! जापान के सरेंडर के बाद मैं तीसरी बार अपने हिंदुस्तानी भाइयों और बहनों से बात कर रहा हूं। ब्रिटिश पीएम पैथिक लॉरेंस के साथ दो और लोगों को भारत भेज रहे हैं, ताकि ये लोग ब्रिटेन के साम्राज्यवाद को बढ़ा सकें और हमारे देश का खून चूसा जा सके।"
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