JNU में बरसे अनुपम खेर, जमानत पर रिहा लोग हीरो नहीं हो सकते
जेएनयू विवाद के बीच अभिनेता अनुपम खेर ने एक बार फिर कन्हैया, उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि छात्र उन लोगों के कैसे हीरो बना सकते हैं, जो कि जमानत पर बाहर हों। बता दें कि अनुपम खेर जेएनयू में अपनी फिल्म बुद्धा इन ट्रैफिक जाम दिखाने के लिए पहुंचे थे।
देश में आजादी का मतलब क्या?
जेएनयू कैंपम में अनुपम खेर ने छात्रों से सवाल पूछते हुए कहा कि देश में आजादी का मतलब क्या है, भारत माता की जय पर बहस बेकार है। मैं अपने अंदर के हिंदुस्तानी को जिंदा रखना चाहता हूं। कन्हैया पर अनुपम ने निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग भुखमरी से आजादी के नारे लगा रहे हैं वह बताएं कि उन्होंने भुखमरी खत्म करने के लिए क्या किया है, जो अपने परिवार की गरीबी की कहानी सुनाते हैं वह यह तो बताएं की यहां तक आ कर उन्होंने परिवार के लिए क्या किया।
कन्हैया की तरह ही उमर ने छात्रों को किया संबोधित
गौरतलब है कि जेएनयू में देश विरोधी नारे लगाने के आरोपी कन्हैया के बाद उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य को जमानत पर रिहा कर दिय गया है। वहीं जेल से रिहा होने के बाद खालिद और अनिर्बान जेएनयू कैंपस पहुंचे। उमर खालिद ने छात्रों को ठीक उसी तरह संबोधित किया, जैसे कन्हैया कुमार ने जमानत पर जेल से रिहा होने के बाद जेएनयू में किया था। उमर खालिद ने छात्रों से कहा कि हमारे आंदोलन को तोडऩे वाले कितने बड़े मुगालते में थे। मैं आप सभी लोगों के बीच में खड़ा होकर पिछले ड़ेढ महीने से खुद को ज्यादा मजबूत महसूस कर रहा हूं। हम लोगों को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया। हमें इस बात को लेकर शर्म नहीं है कि हमें इस धारा के तहत गिरफ्तार किया गया, क्योंकि देश के स्वतंत्रता सेनानी भी इसी आरोप में गिरफ्तार किए गए।
सरकार के खिलाफ जंग जारी रहेगीः खालिद
उमर ने आगे कहा कि हम यहां से चिल्ला-चिल्लाकर बोलना चाहते हैं कि सरकार के खिलाफ हमारा विद्रोह जारी रहेगा। क्रिमिनल वो हैं जो पावर में हैं। सत्ता का विरोध करने वालों को हमेशा जेल में डाला गया। खालिद ने अपने भाषण में पीएम मोदी और शिव सेना के प्रमुख बाला साहब ठाकरे पर भी निशाना साधा था।
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