सोमवार, 21 मार्च 2016

BJP attacks on Shahsi Tharoor on bhagat singh statement, congress defends

भगत सिंह पर दिए बयान से बैकफुट पर कांग्रेस, भाजपा हमलावर 

जेएनयू पहुंचे कांग्रेस नेता शशि थरूर के देश विरोधी नारेबाजी के आरोपी कन्हैया कुमार की तुलना भगत सिंह का मामला तूल पकड़ चुका है। बीजेपी ने शशि थरूर के इस बयान की निंदा की । वहीं कांग्रेस भी इस मामले में बैकफुट पर नजर आ रही है। थरूर के बयान पर गुलाम नबी आजाद ने कहा कि भगत सिंह एक ही थे, किसी से उनकी तुलना नहीं हो सकती और आजकल के किसी लड़के के साथ नहीं। बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि थरूर की टिप्पणी शहीद भगत सिंह का अपमान है।



वहीं विवाद बढ़ने के बाद थरूर की सफाई आई है। उन्होंने कहा यह ऑडियंस में बैठे किसी के सवाल के जवाब में कहा गया था। भगत सिंह भी महज 20 साल के थे, उनका भरोसा भी मार्क्सवाद में था, अपनी मातृभूमि के लिए गजब का जज्बा था। कन्हैया में भी कुछ ऐसी ही क्वालिटी है।

गौरतलब है कि शशि थरूर ने जेएनयू छात्र संघ के नेता कन्हैया कुमार का बचाव करते हुए उन्हें आज के दौर का भगत सिंह बताया था। उन्होंने कहा कि देश को आज कान्हा की भी जरूरत है और कन्हैया की भी। उनका इशारा जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की ओर था। थरूर के इस बयान के बाद सोशल मीडिया से लेकर राजनीतिक गलियारों में हवा तेज है कि कन्हैया कांग्रेस में शामिल हो सकता है। उन्होंने कहा कि आजकल राष्ट्रवाद इससे तय होता है कि कोई व्यक्ति भारत माता की जय कहता है कि नहीं। लेकिन क्या हमें सभी को ऐसा कहने के लिए मजबूर करना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में लोगों जो सही लगता है उसे चुनने का अधिकार होना चाहिए और दूसरों के विचारों को सहन किया जाना चाहिए। थरूर ने महाराष्ट्र विधानसाभा में एमआईएम विधायक वारिस पठान के भारत माता की जय बोलने से इंकार करने पर सदन से उनके निलंबन को भी गलत ठहराया।

थरूर ने कहा कि देशद्रोह का आरोप देश के महान पुरुष बाल गंगाधर तिलक और जवाहर लाल नेहरू पर भी लगे थे। साफ शब्दों में कहें तो थरूर ने देशद्रोह कानून के मौजूदा स्वरूप को खत्म करने की वकालत की। थरूर ने आगे कहा कि लोगों के पास चुनाव का अधिकार होना चाहिए कि वो अपनी सोच और विचार के साथ लोकतंत्र में रह सकें। उन्होंने करीब 40 मिनट तक जेएनयू में छात्रों को संबोधित किया।

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