इरोम शर्मिला खुदकुशी के प्रयास के आरोप से बरी
पूर्वोत्तर में सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून खत्म करने के लिए अरसे से संघर्ष कर रहीं मानवाधिकार कार्यकर्ता इरोम शर्मिला को दिल्ली की एक अदालत ने आत्महत्या की कोशिश के आरोप से बरी कर दिया। इरोम के खिलाफ यह मामला अक्टूबर 2006 में जंतंर मंतर पर उनके आमरण अनशन शुरू करने के कारण दर्ज किया गया था। इसमें उन पर आरोप लगाया गया था कि सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून के विरोध में आमरण अनशन करके इरोम ने खुदकुशी का प्रयास किया है।
इरोम की ओर से इस बारे में किसी तरह की माफी मांगने से इन्कार करने पर उनके खिलाफ पटियाला हाउस अदालत में 4 मार्च 2013 को आत्महत्या का प्रयास करने का मुकदमा शुरू किया गया था। हालांकि इरोम ने इस आरोप से साफ इन्कार किया था। पटियाला आउस अदालत में इस मामले पर हुई अंतिम सुनवाई के दौरान सत्र न्यायाधीश ने अभियोजन और बचाव पक्ष दोनों की दलील सुनने के बाद इरोम को आत्महत्या के प्रयास के आरोप से बरी करने का फैसला सुनाया।
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