शहादत के समय खान बोस के नाम से मिशन पर थे कैप्टन पवन
जम्मू कश्मीर के पुलवामा में पिछले माह शहीद हुए कैप्टन पवन कुमार शहादत के समय एक खास मिशन पर थे। यही नहीं उस समय उनका नाम पवन कुमार की बजाए खान बोस था। यह अहम रहस्योदघाटन हरियाणा के संसदीय कार्यमंत्री रामबिलास शर्मा ने विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान उस समय किया जब उचाना की विधायक प्रेम लता समेत कई अन्य नेताओं ने हरियाणा सरकार से शहीद कैप्टन पवन के नाम पर जींद जिले में शिक्षण संस्थान की स्थापना किए जाने की मांग रखी।
बीती 21 फरवरी को जब पूरा हरियाणा जाट आरक्षण आंदोलन की आग में झुलस रहा था तो जींद जिले के गांव बधाना निवासी कैप्टन पवन का वीरगति को प्राप्त हुए थे जब वह जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले के पंपोर में आतंकी हमले के दौरान दुश्मन से मुकाबला कर रहे थे। महज 23 वर्षीय पवन कुमार कुछ समय पहले ही सेना में भर्ती हुए थे। पवन कुमार की माता पेशे से अध्यापिका हैं और वह अपने माता-पिता का अकेला पुत्र था।
विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान विधायक प्रेम लता ने कहा कि इलाके के बीस गावों ने उन्हें प्रस्ताव पारित करके शहीद कैप्टन पवन के नाम पर शैक्षणिक संस्थान की स्थापना किए जाने की मांग उठाई है। प्रेम लता के अलावा विधायक सुभाष बराला, निर्दलीय विधायक जयप्रकाश तथा कृषि मंत्री ओ.पी.धनखड़ और वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने भी इसका समर्थन किया।
खुफिया मिशन पर थे
इस प्रश्न के जवाब में संसदीय कार्यमंत्री ने पवन खटकड़ की बहादुरी के किस्से बताते हुए कहा कि शहीद पवन भारतीय सेना के खास मिशन के लिए काम करते रहे हैं। मृत्यु के समय भी वह एक खुफिया मिशन पर थे। इससे पहले पवन खटकड़ एक मिशन को सफलतापूर्वक पूरा कर चुके थे। इसीलिए उन्हें दूसरे मिशन की जिम्मेदारी सौंपी गई।
हुलिया बदलकर दाढ़ी काफी बढ़ा ली
संसदीय कार्यमंत्री ने सदन में दावा किया कि शहीद पवन खटकड़ ने अपने दूसरे मिशन को कामयाब करने के लिए अपना हुलिया बदलकर दाढ़ी काफी बढ़ा ली थी और वह दुश्मन की कई जानकारियां हासिल करने में कामयाब हो गए थे। यही नहीं शर्मा ने बताया कि मृत्यु से पहले मिशन में शामिल होते समय पवन खटकड़ का नाम पवन की बजाए खान बोस रखा गया था। वह अपने नए नाम और नए हुलिया के साथ अपने मिशन को कामयाब बना रहे थे। जिसमें काफी हद तक सफल हो चुके थे।
समूचे सदन ने शहीद पवन की शहादत को जहां नमन किया वहीं रामबिलास शर्मा ने हरियाणा सरकार की तरफ से जींद जिले में शिक्षण संस्थान की स्थापना किए जाने की घोषणा भी सदन में की। जिसकी सभी विधायकों ने मेज थपथपा कर स्वागत किया।
शहीद के अंतिम एसएमएस पर भी हुई चर्चा
शहीद कैप्टन पवन द्वारा एक मिशन को पूरा करते हुए अपने परिजनों को जो अंतिम एसएमएस भेजा था आज सदन में उसकी भी चर्चा की गई। पीएएम ने पवन के अंतिम संदश को पढक़र सुनाया जिसमें उन्होंने कहा था कि -
न आजादी चाहिए, न आरक्षण चाहिए,
यहां तो बस एक रजाई चाहिए।
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