आतंकियों के सहारे कश्मीर की नीति पाक को पड़ी उल्टी: हक्कानी
अमरीका में पाकिस्तान के पूर्व राजनयिक हुसैन हक्कानी ने कहा है कि कश्मीर में जिहादियों को समर्थन देना पाकिस्तान को भारी पड़ रहा है। उन्होंने यह बात रविवार को लाहौर में हुए भीषण आतंकी हमले की संदर्भ में कही है।
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर की आजादी के मकसद से जिहादी समूहों के साथ पाकिस्तान की उच्चतम स्तर की संलिप्तता उल्टी पड़ रही है। पाकिस्तान की दशकों पुरानी नीति के उल्टा पड़ जाने के बावजूद देश के अधिकारी आतंकी समूहों के खिलाफ संपूर्ण युद्ध की घोषणा के लिए इच्छुक नहीं हैं।
एक मीडिया को दिए इंटरव्यू में हक्कानी ने कहा कि जिहादी समूहों के साथ पाकिस्तान की भागीदारी शुरू में मुख्यत: एक रणनीति के तहत थी। माना जा रहा था कि इससे अफगानिस्तान में प्रभाव कायम करने और जम्मू-कश्मीर को भारत से आजाद कराने में उन्हें फायदा होगा।
पूर्व राजनयिक ने हालात पर चिंता जताते हुए कहा कि अपनी नीति के उल्टा पड़ जाने के बावजूद पाकिस्तान कुछ गिने-चुने जिहादी समूहों के खिलाफ ही कार्रवाई कर रहा है। यही वजह है कि वह ध्रुवीकरण की विभिन्न नीतियों का फायदा उठाकर शियाओं, अहमदियों या ईसाइयों को निशाना बना रहा है। साथ ही अधिक से अधिक लड़ाकों की भर्ती कर समाज में अपना प्रभुत्व बना रहा है।
अपने देश में हमले
हुसैन हक्कानी ने कहा कि लश्कर-ए-तैएबा, जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठन जो भारत में आतंकी हमले कर रहे हैं, उनके खिलाफ पाकिस्तान में कार्रवाई नहीं हो रही है। संभव है कि इन आतंकी संगठनों के कुछ सदस्यों ने अलग गुट बना लिया हो जो अपने देश में ही हमले कर रहे हों।
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