सोमवार, 14 मार्च 2016

Sachin Tendulkar Terms ’Different Sound’ of Dhoni’s Strokes as Good Sign

किसी मिसाल से कम नहीं है इस लड़के की वेटर से IAS बनने की कहानी 


मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने कहा कि हाल में एशिया कप के दौरान कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी के बल्ले की गूंज जिस तरह से सुनाई दी वह उनके पॉजीटिव माइंडसेट को दर्शाती है और यह पहले टी वर्ल्ड टी 20 की फेवरेट टीम इंडिया के लिए अच्छा संकेत है। एक समय धोनी पर वर्ल्ड के बेस्ट फिनिशर का टैग लग गया था लेकिन लंबे समय तक बल्ले से कुछ खास नहीं कर पाने के चलते उन पर प्रश्नचिन्ह लगने शुरू हो गए थे लेकिन एशिया कप में धोनी एक अलग ही अवतार में नजर आए। सचिन ने कहा, दुनिया का कोई भी खिलाड़ी हमेशा अच्छी फॉर्म में नहीं हो सकता क्योंकि वह मशीन नहीं है।



धोनी में दवाब झेलने की क्षमता

मैंने धोनी के बल्ले के गेंद से टकराने के दौरान जब आवाज सुनी तो महसूस किया कि यह अलग आवाज है। यह आवाज आपसे कह रही है कि बल्लेबाज की मानसिकता बदल गई है। उन्होंने कहा, धोनी की सबसे महत्वपूर्ण चीज दबाव झेलने की उसकी क्षमता है जो उसे अच्छा कप्तान बनाती है। वर्षों से वह परिपक्वहुआ है। जब वह तनाव में होता है तब भी नहीं दिखाता जो अच्छा संकेत है। अधिकतर अगर कप्तान झल्लाने वाला होता है या नर्वस हो जाता है तो टीम में डर पैदा हो जाता है लेकिन धोनी के साथ ऐसा नहीं है।

वर्ल्ड कप में गेम चेंजर हो सकता है बुमराह

युवराज ने भी फॉर्म में वापसी के संकेत दिए हैं और तेंदुलकर ने उनके संदर्भ में कहा, एशिया कप के दौरान मैंने देखा कि उसकी मानसिकता बदली है जो भारत के लिए अच्छा है। धोनी की तरह ही बल्ले के गेंद से टकराने के दौरान आने वाली आवाज मेरे लिए महत्वपूर्ण है लेकिन सबसे अहम युवी का फुटवर्क है। जहां तक गेम चेंजर की बात है तो मुझे लगता है कि जसप्रीत बुमराह वर्ल्ड कप टी-20 में भारत के लिए वह खिलाड़ी हो सकता है। उसका एक्शन भ्रम में डालने वाला है और धीमा लग सकता है लेकिन गेंद सोच से अधिक तेजी से बल्ले से टकराती है।

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