सोमवार, 14 मार्च 2016

Wholesale inflation nearly unchanged at (-) 0.91% in February


आंकड़े कहते हैं नहीं बढ़ी महंगाई, जानें क्या-क्या हुआ सस्ता

ईंधनों तथा विनिर्मित उत्पादों के सस्ता होने के कारण थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति की दर फरवरी में घटकर 0.91 प्रतिशत ऋणात्मक पर आ गई। यह लगातार 16वां महीना है जब थोक मुद्रास्फीति शून्य से नीचे रही है। जनवरी में थोक महंगाई दर शून्य से 0.90 प्रतिशत नीचे रही थी।



वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में अप्रेल 2015 से फरवरी 2016 तक बिल्डअप थोक महंगाई दर शून्य से 1.19 प्रतिशत नीचे रही है, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह शून्य से 2.61 प्रतिशत नीचे रही थी।

आंकड़ों के अनुसार, फरवरी में खाद्य पदार्थों की थोक महंगाई दर 3.35 प्रतिशत रही। जनवरी में यह 6.02 प्रतिशत रही थी। ऐसा मुख्य रूप से प्याज, सब्जियों तथा फलों के सस्ता होने के कारण हुआ। थोक बाजार में फरवरी में प्याज 13.22 प्रतिशत, आलू 6.28 प्रतिशत, सब्जियां 3.34 प्रतिशत तथा फल 2.32 प्रतिशत सस्ते हुए। चावल के दाम भी 1.63 प्रतिशत कम हुए। वहीं, दालें 38.84 फीसदी, अंडा तथा मांस-मछली 3.47 फीसदी, गेहूं 2.78 फीसदी तथा दूध 1.42 फीसदी महंगा हो गया।

अखाद्य प्राथमिक पदार्थों में तिलहन के दाम 3.65 फीसदी बढ़े। ईंधन वर्ग की महंगाई दर शून्य से 6.40 प्रतिशत नीचे रही। पिछले साल फरवरी की तुलना में पेट्रोल 1.03 प्रतिशत, डीजल 7.75 प्रतिशत तथा रसोई गैस 0.25 प्रतिशत सस्ती हुई। विनिर्मित उत्पादों की थोक महंगाई शून्य से 0.58 प्रतिशत नीचे रही। इसमें इस्पात तथा सेमीज के दाम में 12.49 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। मिश्रधातु तथा धातु उत्पाद 8.07 फीसदी, कृत्रिम कपड़े 2.49 फीसदी तथा रबड़ एवं प्लास्टिक के उत्पाद 1.96 फीसदी सस्ते हुए। वहीं, विनिर्मित खाद्य पदार्थों के दाम 4.40 प्रतिशत, चीनी के 4.16 प्रतिशत तथा खाद्य तेलों के 3.16 प्रतिशत बढ़ गए।

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