मंगलवार, 12 अप्रैल 2016

Good news : IMD predicts above average rainfall in 2016

अच्छी खबर, इस साल सामान्य से ज्यादा होगी बारिश


मौसम विभाग की ओर से जारी दक्षिण पश्चिमी मानसून के पूर्वानुमान मे कहा गया है कि इस बार मानसून की वर्षा सामान्य से काफी अधिक रहने की संभावना है

नई दिल्ली। ऐसे समय में जब देश के कई हिस्से भयंकर सूखे की चपेट में हैं, मौसम विभाग की ओर से इस साल मानसून की वर्षा सामान्य से अधिक रहने की गई भविष्यवाणी बड़ी राहत की खबर लेकर आई है। मौसम विभाग की ओर से वर्ष
2016 के लिए जारी दक्षिण पश्चिमी मानसून के पूर्वानुमान मे कहा गया है कि इस बार मानसून की वर्षा सामान्य से काफी अधिक रहने की संभावना है।




मौसम विभाग के महानिदेशक एल एस राठौर ने इस मौके पर कहा कि पिछले दो वर्ष में मानसून की वर्षा जहां सामान्य से काफी कम रही, वहीं इस साल इसके सामान्य से अच्छी या फिर काफी अच्छी रहने की संभावना है। उन्होंने कहा कि मानसून के पहले तापमान सामान्य से अधिक रहने का अनुमान है जिससे गर्मी ज्यादा पड़ सकती है।


राठौर ने कहा कि इस बार मानसून बेहतर होने के पीछे 'अल नीनो' और 'ला नीना' प्रभाव की अहम भूमिका रहेगी। अल नीनो प्रभाव के कारण दक्षिण एशियाई क्षेत्र में लंबे चले सूखे का असर अब शिथित पडऩे लगा है और ला नीना ने इसका
स्थान लेना शुरू कर दिया है जिसके कारण बारिश की संभावना अधिक बढ़ गई है। बारिश इस साल 106 प्रतिशत हो सकती है।


मौसम विभाग के अनुसार मानसून वर्षा देश की जीवन रेखा है। ऐसे में इस साल इसके सामान्य से अधिक रहने की संभावना राहत वाली खबर है। उन्होंने कहा कि इस साल मानसून वर्षा पिछले वर्ष की तुलना में 6 प्रतिशत से अधिक रहने का अनुमान है। राठौर ने कहा कि मानसून वर्षा बेहतर होने का एक विपरीत असर भी दिखाई देगा। मानसून के पहले तामपान सामान्य से अधिक हो सकता है जिससे गर्मी ज्यादा पड़ेगी। पिछले दो साल से कम बारिश होने के कारण देश में खाद्यान्न उत्पादन में गिरावट दर्ज हुई।


इस साल भी लातूर समेत महाराष्ट्र के कई हिस्सों में तथा उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड समेत देश के 9 राज्यों में पड़ रहे भंयकर सूखे के कारण हालात काफी संगीन हो चुके हैं। ऐसे में किसानों समेत कृषि क्षेत्र से जुड़े सभी पक्ष मौसम विभाग की ओर से मानसून का पूर्वानुमान जारी किए जाने की प्रतीक्षा कर रहे थे। हालात की नजाकत को देखते हुए मौसम विभाग ने भी मानसून पूर्वानुमान इस बार समय से दो सप्ताह पहले ही जारी कर दिया।


देश में कुल खाद्यान्न उत्पादन का 44 फीसदी हिस्सा मानसून की वर्षा पर निर्भर है। देश में 80 फीसदी वर्षा जून से सितंबर के बीच दक्षिण पश्चिम मानसून के कारण होती है। देश के एकमात्र भविष्यवक्ता 'स्काइमेट' ने भी भविष्यवाणी की है कि इस साल देश में मॉनसून सामान्य से ज्यादा रहेगा।














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