शनिवार, 9 अप्रैल 2016

Panama Peper leaks : PM Narendra Modi ask for report within 15 days

पनामा पेपर्स लीक : प्रधानमंत्री ने 15 दिन में मांगी रिपोर्ट 

पनामा पेपर्स लीक से हुए खुलासे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कड़ा रुख अपनाया है। अपनी पांच दिन की बेल्जियम-अमरीका-सउदी अरब की सरकारी यात्रा से लौटने के तुरन्त बाद उन्होंने अधिकारियों से इस खुलासे पर पन्द्रह दिन में रिपोर्ट मांगी है।



सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री 3-4 अप्रेल की रात डेढ़ बजे नई दिल्ली लौटकर आए। चार अप्रेल की सुबह-सुबह ही यानी 7 या 7.30 बजे उन्होंने एक वरिष्ठ अधिकारी को तलब किया और तीन मुद्दों पर टिप्पणी मांगी। सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री इस मुद्दे पर काफी चिन्तित दिखे। उनके मन में यह स्पष्ट था कि मामले की जांच तुरन्त होनी चाहिए। वह इस बात पर भी स्पष्ट थे कि मामले को विशेष जांच दल यानी सिट को नहीं अग्रसारित करना चाहिए बल्कि इस मुद्दे को मामले की जानकारी रखने वाले विशेषज्ञ समूह को दिया जाना चाहिए।

सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री इस विचार के थे कि सिट विदेश में स्थित फर्जी कम्पनियों की जांच अपने स्तर पर करे और किसी निष्कर्ष पर पहुंचे। उल्लेखनीय है कि पनामा पेपर्स लीक मामले में लगभग 500 ख्यातिप्राप्त भारतीयों के नाम उजागर हुए हैं जिनकी ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड में कम्पनियां थीं।

रुचि समूह की विदेश में 8 कम्पनियां
पानामा पेपर्स खुलासे में पांचवे दिन ओबेराय और रुचि समूह की विदेश में स्थित कम्पनियों के नाम भी सामने आए हैं। नए खुलासे में कहा गया है कि छह अरब डॉलर (करीब 21 हजार 600 करोड़ रुपए) के रुचि समूह ने पानामा में कम से कम आठ विदेशी कम्पनियां और दो निजी प्रतिष्ठान स्थापित किए थे।

इसमें कहा गया है कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने भी अगस्त 2014 में कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाला मामले में रुचि समूह का नाम लिया था। इस रिपोर्ट के मुताबिक, रुचि समूह के निदेशक उमेश शाहरा ने पनामा में दो ट्रस्ट बनाए थे। थ्री वेल्स फाउंडेशन के पब्लिक डीड पर एक अक्टूबर, 2009 और वन वल्र्ड ट्रस्ट के डीड पर 22 अक्टूबर, 2008 को हस्ताक्षर किए गए थे।

इसमें आगे बताया गया है, इस संबंध में उमेश शाहरा को 29 मार्च को एक विस्तृत मेल भेजा गया और उसके बाद कई कॉल किए गए। लेकिन अभी तक जबाव नहीं मिला। ओबेराय के बारे में पनामा की खबरें प्रकाशित करने वाले अखबार ने आरोप लगाया है कि समूह ने कई विदेशी फंड के बारे में जानकारी दी है, लेकिन जो एक फंड बहामास में स्थापित किया गया, उसका खुलासा नहीं किया गया है। पनामा पेपर्स लीक मामले में आगे भी कई खुलासे होने की उम्मीद है।

पांचवे दिन कई लोगों के नाम
आर्ट कलेक्टर अमृता झवेरी
दिल्ली के व्यावसायी सत्य
प्रकाश गुप्ता
असम चाय उद्योग से जुड़ी गार्गी बोरा
दिल्ली के दंपति निमित्त राय तिवारी और अंकिता सहगल

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें