शुक्रवार, 8 अप्रैल 2016

One soldier for every two students at NIT Srinagar

छावनी में तब्दील हुआ एनआईटी, पैरामिलिट्री के 600 जवान तैनात 

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनआईटी) में स्थानीय और बाहरी छात्रों के बीच हुए विवाद के बाद कैंपस को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। यहां पैरामिलिट्री की 5 कंपनियों के 600 जवान तैनात किए गए हैं। एनआईटी में छात्रों की संख्या कुल 1500 है, ऐसे में लगभग दो छात्रों पर एक जवान को तैनात किया गया है। एनआईटी भारत का शायद ऐसा पहला कैंपस है, जिसकी सुरक्षा पैरामिलिटरी के हवाले की गई है।



पहले कैंपस में सीआरपीएफ की दो कंपनियां तैनात की गई थीं। बाद में झड़प होने पर सशस्त्र सीमा बल की तीन कंपनियों की भी तैनाती की गई। कैंपस में लोकल पुलिस की उपस्थिति नहीं दिख रही है। स्थानीय पुलिस पर ही बाहरी छात्रों के लिए भेदभाव बरतने और उनके ऊपर लाठीचार्ज का आरोप है। भविष्य में भी यहां हिंसा भड़कने की आशंका के मद्देनजर कैंपस को पैरामिलिटरी के हवाले किया गया है।

NIT छात्राओं का आरोप, स्थानीय छात्र दे रहे रेप की धमकी!
गौरतलब है कि गुरुवार को एऩआईटी की बाहरी छात्राओं ने आरोप लगाया था कि कश्मीरी छात्रों के एक समूह ने उनसे कहा कि एक के साथ रेप होगा तो सब ठंडे पड़ जाओगे। छात्रा ने कहा कि सोमवार को पुलिस ने नॉन-कश्मीरी छात्रों की बेरहमी से पिटाई की। उन्हें जानवरों की तरह पीटा गया।

31 छात्रों के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई-
एनआईटी श्रीनगर में छात्रों और प्रशासन के बीच तल्खी बढ़ती ही जा रही है। एनआईटी के दो छात्रों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है और 31 के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई किए जाने की बात सामने आ रही है। हालात पर काबू पाने के लिए कैंपस में सीआरपीएफ तैनात की गई है।

बाकी हिस्सों और कश्मीर के देशभक्तों में फर्क क्यों
एनआईटी में छात्रों पर हुए लाठीचार्ज के बाद मोदी सरकार इस मुद्दे पर आलोचना झेल रही है। मोदी सरकार के विरोधी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी छात्रों पर हुए लाठीचार्ज के लिए मोदी सरकार को घेरा उन्होंने सवाल उठाया कि देश के बाकी हिस्सों और कश्मीर के देशभक्तों में फर्क क्यों किया जा रहा है।

छात्रा ने कहा हमें मोदी सरकार पर भरोसा नहीं रहा
एनआईटी छात्रा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हमें मोदी सरकार पर भरोसा नहीं रहा। जो एक बार हुआ वो फिर हो सकता है। सरकार हमारी सुरक्षा करने में नाकाम रही। सरकार बस ये साबित करना चाहती है कि सब कुछ ठीक है जबकि ऐसा नहीं है।

बाहरी राज्यों से आए छात्र कर रहे हैं सुरक्षा की मांग
दरअसल वर्ल्ड टी20 मैच में भारत की हार के बाद एनआईटी परिसर में देश विरोधी नारे लगे थे। इसके बाद कैंपस में दूसरे राज्यों से आए छात्रों ने इसका विरोध किया था। उसके बाद से परिसर में छात्रों के बीच तनाव है। बाहरी छात्र सुरक्षा की मांग कर रहे हैं।

ईरानी ने स्टूडेंट्स के सेफ रहने का दिया आश्वासन-
केंद्रीय मानव संसधान मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि सभी स्टूडेंट्स सेफ रहेंगे और किसी के साथ अन्याय नहीं होंने दिया जाएगा। स्मृति ईरानी ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से बात की है और महबूबा ने उन्हें आश्वास्त किया है कि संस्थान के सभी छात्र सुरक्षित रहेंगे और किसी भी छात्र के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।

यह है मामला
31 माच...रात करीब दस बजे...टी-20 वल्र्डकप में भारत के हारते ही कैंपस के बाहर से पाकिस्तान के समर्थन और भारत के विरोध में नारेबाजी होने लगी। कुछ देर बाद यह शोर कैंपस के अंदर से आने लगा....। राजस्थान, यूपी और बिहार से आए फस्र्ट ईयर के छात्रों ने जब इसका विरोध किया तो उनके हॉस्टल पर बाहर से पत्थर बाजी होने लगी। फोन करने के बावजूद न पुलिस आई और न ही एनआईटी प्रबंधन ने हमारी सुध ली।, लेकिन कुछ देर बाद कैंपस में जम्मू-कश्मीर के छात्र राजस्थान, यूपी और बिहार के छात्रों से भिड़ गए।

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