शनिवार, 9 अप्रैल 2016

HRD ministry to send 50 teachers to NIT Srinagar

देशभर से 50 शिक्षकों को एनआईटी भेजने की तैयारी

एनआईटी कैंपस में गहराते तनाव के बीच केंद्र सरकार 50 शिक्षकों के दल को जम्मू-कश्मीर भेजने की तैयारी में है। बताया जाता है कि ये 50 शिक्षक देशभर के आईआईटी और एनआईटी कॉलेजों से होंगे, जो कैंपस में छात्रों की एक्ट्रा क्लास लेंगे और उनमें आत्मविश्वास वापस लाने की कोशिश करेंगे। गौरतलब है कि एनआईटी कैंपस से लगातार ऐसी शिकायतें आई हैं कि कुछ फैकल्टी मेंबर्स भी छात्रों के खिलाफ काम कर रहे हैं, उन्हें करियर तबाह करने की धमकी दे रहे हैं। माना जा रहा है कि केंद्र सरकार ने ऐसी कथित कोशिश को नियंत्रित करने के लिए यह फैसला लिया है।



नहीं चाहिए निष्पक्षता का प्रमाण-पत्र
एनआईटी श्रीनगर में पढऩे वाले राज्य से बाहर के छात्रों पर लाठीचार्ज को लेकर आलोचना का सामना कर रही जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पलटवार करते हुए कहा कि उसको किसी से राष्ट्रवाद या निष्पक्षता के प्रमाणपत्र करने की जरूरत नहीं है। पुलिस की अपराध शाखा में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पद पर तैनात मुसब्बिर लतीफी और बारामूला मुख्यालय में उपाधीक्षक फिरोज याहया ने सोशल मीडिया के माध्यम से राज्य पुलिस की आलोचना का जवाब दिया।

लहराए पाक और आईएस के झंडे
श्रीनगर में एक बार फिर पाकिस्तान, आईएस और जमात-उद-दावा के झंडे लहराए गए और प्रदर्शन किया गया। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शकारियों के बीच झड़प भी हुई, जिसमें 4 लोगों के जख्मी होने की खबर है। सभी प्रदर्शनकारियों ने अपने चेहरे पर नकाब डाला हुआ था। गौरतलब है कि श्रीनगर के इलाकों में पहले भी जुमे के दिन नमाज के बाद ऐसी घटनाएं होती रही हैं।

एक छात्र ने कैंपस छोड़ा
शुक्रवार को बस एक बाहरी छात्र ने कैंपस छोडऩे का फैसला किया। उसे सुरक्षित बाहर निकाला गया। कॉलेज में सबसे कहा गया है कि जो जाना चाहें, वे जा सकते हैं। लेकिन सुरक्षा और करियर के कशमकश में फंसे छात्र तय नहीं कर पा रहे। 11 अप्रेल की परीक्षाएं टल भी सकती हैं। हालांकि प्रशासन ने साफ किया है कि अगर परीक्षाएं न टलीं तो बाहर गए छात्र बाद में परीक्षा दे सकते हैं।

छात्र सुरक्षित, पढ़ाई पर दें ध्यान
नरमपंथी हुर्रियत कांफ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूख ने शुक्रवार को जामिया मस्जिद में अपने साप्ताहिक संबोधन में कहा कि एनआईटी के छात्र सुरक्षित हैं। उन्हें मौकपरस्त व विभाजनकारी ताकतों के हाथों इस्तेमाल होने के बजाय पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए। एनआईटी में पिछले दिनों जो भी हुआ दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों इस मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहे हैं। कश्मीर की इतिहास भाईचारे का रहा है। 2014 मे ंबाढ़ के दौरान कश्मीरी लोगों ने सैकड़ोंं पर्यटकों के जीवन बचाया था।

आतंकी का शव छीन ले गई भीड़
शोपियां में भीड़ ने पुलिस पर हमला कर मारे गए आतंकी का शव छीन लिया। साथ ही पुलिस की गाड़ी को आग के हवाले कर दिया। सुरक्षा बलों ने गुरुवार सुबह हिजबुल मुजाहिदीन के दो आतंकियों को मार गिराया था। मारे गए आतंकियों के नाम नसीर पंडित और वसीम मल्ला है। जब नसीर के शव को ले जाया जा रहा था तो लोगों ने पुलिस पर पथराव कर शव छीन लिया। खबर है कि अज्ञात आतंकियों ने नसीर को दफनाने के दौरान 21 बंदूकों की सलामी दी।

चिंता में परिजन, बोले- हमारे बच्चों को दूसरे संस्थानों में भेजो
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) श्रीनगर में गैर कश्मीरी छात्रों से मारपीट और पुलिस ज्यादती के विरोध में शुक्रवार को उनके परिजन सड़क पर उतर आए। आठ दिन के बाद भी बच्चों की सुध नहीं लिए जाने से गुस्साए अभिभावकों ने छात्रों की सुरक्षा और उन्हें अपने-अपने राज्य की एनआईटी में तुरंत शिफ्ट करने की मांग की। जयपुर में स्टेच्यू सर्किल पर जुटे 50 से अधिक छात्रों के परिजनों ने कहा कि पुलिस ने ही बेगुनाह छात्रों पर लाठियां बरसाई और छात्रों पर ही एफआईआर दर्ज कर दी गई। उन्होंने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय और राज्य सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाए। कोटा में भी अभिभावकों ने प्रदर्शन किया।

इधर, कोटा में सांसद से मिले अभिभावक
कोटा. अभिभावक शुक्रवार को सांसद ओम बिरला से मिले। उन्होंने बच्चों को सुरक्षा देने और वापस कोटा लाने का प्रबंध करवाने की बात कही। सांसद ने प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री जितेन्द्र सिंह से बातकर अभिभावकों को आश्वस्त किया।

13 को एनआईटी जाएंगी ईरानी
मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी 13 अप्रेल को श्रीनगर जाएंगी। संसदीय दल के सदस्य भी जाएंगे। विद्यार्थियों से बातचीत करेंगे। जो भी विद्यार्थी शिफ्ट होना चाहते हैं या परीक्षा देना चाहते हैं, इसका निर्णय होगा।

छात्रों को देंगे पूरी सुरक्षा
गृह मंत्री गुलाबचंद कटारिया और डीजीपी मनोज भट्ट ने कहा कि वे जम्मू-कश्मीर सरकार के संपर्क में हैं। राजस्थानी छात्रों को सुरक्षा उपलब्ध करवाई जाएगी। जो वापस आना चाहते हैं, उन्हें सुरक्षित यहां लाया जाएगा।

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