मंगलवार, 12 अप्रैल 2016

SC pulls up RBI, says big defaulters escape while farmers are harassed

गरीब किसानों पर कार्रवाई और अमीर उड़ा रहे मौज:सुप्रीम कोर्ट


कर्ज डिफॉल्टर्स के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार और आरबीआई को कड़ी फटकार लगाई


नई दिल्ली। कर्ज डिफॉल्टर्स के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार और आरबीआई को कड़ी फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों से पूछा कि लोन डिफॉल्टर्स से रकम वसूलने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं? सर्वोच्च अदालत ने वित्त मंत्रालय और इंडियन बैंक एसोसिएशन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। अदालत ने दोनों को याचिका में पार्टी बनाया है। कोर्ट ने कहा कि 500 करोड़ से ज्यादा कर्ज लेने वालों की सूची बनाएं। ये केस दर्ज करने के लिए पर्याप्त है। अगर कर्ज की रकम करोड़ों में हो तो इसका खुलासा किया जा सकता है। कोर्ट इसकी जांच करेगा।




अदालत ने कहा कि करोड़ों रुपए के लोन डिफॉल्टर्स के नामों का खुलासा किया जा सकता है या नहीं,वह इस पर विचार करेगा। गौरतलब है कि आरबीआई ने डिफॉल्टर्स के नामों को सार्वजनिक करने पर असहमति प्रकट की थी। मामले पर अगली सुनवाई 26 अप्रेल को होगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कॉर्पोरेट सेक्टर और कारोबारियों का लोन डिफॉल्टर होना संदेह पैदा करता है। आरबीआई ने खुलासा किया है कि कॉर्पोरेट और इंडिविजुअल्स ने लाखों करोड़ों रुपए का लोन लिया है और डिफॉल्टर साबित हो रहे हैं। कई लोगों ने तो व्यक्तिगत तौर पर 500 करोड़ रुपए से ज्यादा का लोन ले रखा है। यह भेदभाव ही है कि कुछ हजार रुपए का कर्ज लेने वाले किसानों से वसूली के लिए सभी उपाय किए जाते हैं और बड़े लोग हजारों करोड़ रुपए का कर्ज लेने के बाद कंपनी को बीमार बता देते हैं और मौज उड़ाते हैं।


वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने करीब एक दशक पहले याचिका दाखिल की थी। उन्होंने हुडको में हुए कथित घोटाले को लेकर याचिका दाखिल की थी,जिसकी सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ये टिप्पणी की। प्रशांत भूषण का कहना था कि हर साल बैंकों की ओर से हजारों करोड़ के लोन डिफॉल्टर्स के मामलों को बंद कर दिया जाता है।





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